ग्राम तालदेवरी में परम पूज्य गुरूघासीदास लोक कला महोत्सव का हुआ समापन…
ग्राम तालदेवरी में परम पूज्य गुरूघासीदास लोक कला महोत्सव का हुआ समापन…
जांजगीर चांपा 22 जनवरी 2023 (कोरबा सुपर फास्ट) गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसम्बर, 1756 ई छत्तीसगढ के ग्राम गिरौदपुरी मे हुआ था। वह महंगू दास और अमरोतिन देवी के पुत्र थे और अपने समय के सबसे अधिक मांग वाले धार्मिक व्यक्तियों में से एक थे। घासीदास के बाद उनकी शिक्षाओं को उनके पुत्र गुरु बालकदास ने आगे बढ़ाया।
इतिहासकारों के अनुसार स्वयं गुरु घासीदास ने बहुत कम उम्र में ही जाति व्यवस्था की बुराइयों का अनुभव कर लिया था। और इससे उन्हें जाति-ग्रस्त व्यवस्था में मौजूद खामियों को समझने में मदद मिली। यह भी माना जाता है कि इस समस्या का समाधान खोजने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ में व्यापक भ्रमण किया।
उन्होंने न केवल समाज से जाति व्यवस्था को खत्म करने बल्कि इसे समान और अधिक शांतिपूर्ण बनाने का भी प्रयास किया। उनकी शिक्षाओं का अभी भी उनके अनुयायियों द्वारा पालन किया जाता है जो इस दिन को मनाते हैं इसी कड़ी में ग्राम तालदेवरी मे परम पूज्य गुरूघासी दास लोक कला महोत्सव का अयोजन किया गया था जिसमें तीन दिवसीय प्रतियोगिता 20.01.2023 से 22.01.2023 तक था इस अवसर सभी अनुयायीगढ़ पंथी पार्टी, गायक, मंगल भजन, प्रवचन कर्ता, कवि, वक्ता, दर्शक, श्रोतागढ, अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित थे, इस पावन अवसर पर 20.01.2023 को मुख्य अतिथि के रूप में गुहाराम अजगल्ले ( सांसद लोक सभा क्षेत्र जांजगीर चांपा, अध्यक्षा के रूप में रामबाई साहू (सरपंच ग्राम तालदेवरी), विशिष्ठ अतिथि के रूप में कृष्णकांत चंद्रा ( अध्यक्ष भाजपा मंडल), गोपी सिंह ठाकुर ( उपाध्यक्ष भाजपा मंडल, गगन जयपुरिया ( जिला महा मंत्री भाजपा) शामिल हुए थे| उक्त कार्यक्रम के समापन अवसर पर 22.01.2023 पर मुख्य अतिथि के रूप में केशव प्रसाद चंद्रा ( विधायक जैजैपुर), अध्यक्षता के रूप में संपत लाल खूंटे ( ग्राम तालदेवरी), वही विशिष्ठ अतिथि के रूप में मनहरण मनहर (जिला प्रभारी बसपा सक्ति), बेदराम खूंटे ( पूर्व लोकसभा प्रभारी बसपा जांजगीर चांपा), मयाराम बंजारे (पूर्व सरपंच ग्राम तालदेवरी के रूप में उपस्थित रहे| जिसमें प्रथम पुरुस्कार 7777 रुपए, द्वितीय पुरुस्कार 5555, एवं तृतीय पुरस्कार 3555 के रूप मे पुरुस्कृत किया जाना था, उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ के जाने माने कलाकार के साथ साथ छत्तीसगढ के लोक प्रिय गायिका तारा कुलकर्णी कृत उपस्थिति रहे जिन्होंने सामाजिक कलामंच के साथ पारंपरिक प्रस्तुति दी गई, या कार्यक्रम देर सुबह तक चला, इस अवसर पर संरक्षक के रूप मे ललित मनहर, गोसाई बंजारे, खीरचंद पंकज, राजकुमार खूंटे, बाबू लाल खूंटे, मनहरण आजाद, हेमलाल रात्रे, उत्तम बंजारे, मनोज खूंटे, गोस्वामी खोटे, डा. रामगुलाल खूंटे, विनोद खूंटे, पुनीराम मनहर, छतराम, उमाशंकर, मोतीलाल राजेंद्र, दिलहरण, छबि, सालिकराम, रामकिशोर, उपाध्यक्ष जगराम खूंट, कोषाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद खूंटे, सचिव बाबू लाल खूंटे व्यस्थापक के रूप मे शिव लाल, उमेंद्र खुंटे, बजरंग, गणेश, कन्हैया, आदिले, नेतराम, तेरसराम, बद्री, विरेंद्र, महावीर, शंकर लाल, नारायण, सालिक, कृष्णलाल, साखीराम, कलानाथ, कुलपत, मीडिया प्रभारी के रूप मे समीर खूंटे m, कार्यकारिणी सदस्य के रूप मे गणेश खूंटे, सोनसाय, दिलीप, देवदास, सोनाऊ, हेमलाल, मालीकराम, चैनलाल, जुगुतराम, सूरज, पारस, ओंकार, तिजाऊराम, मनबोध, ताराचंद, काशीराम, भरत,
तोशराम, बसंत, धनाराम मोहन, शिव भगत, पुनिराम, कैलाश, हेतराम, भागीरथी, व्याश्रम, रमेश, पदुम, हीरालाल, परदेशी, गेंदराम, श्याम लाल, लखन, गौरीशंकर, नीरज, तोताराम, फिरतराम, पुजेरी, धरम, कार्तिक, नागेश्वर, भुनेश्वर, साधु, साहेबलाल, लुसरू, तुलाराम, भेखराम, होसराम, गेसराम, दूजेलाल, धनीराम, रेशम, कार्तिक, गंगाराराम, कामेश, मिथुन, मोतीलाल, परदेशी, नवीन, छेदूराम, मूलचंद के साथ साथ ग्राम तालदेवरी के गणमान्य नागरिक व महिला समिति तालदेवरी का विषेश योगदान रहा।
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